हमारी प्रत्येक क्रिया तथा विचार हमारे मन पर एक छाप छोड़ जाता है । ये संस्कार ही यह निर्धारित करते हैं की हम एक विशेष क्षण में, किसी विशेष परिस्थिति में कैसा आचरण करेंगे ।
हमारे इन समस्त संस्कारों का योग हमारे चरित्र का निर्धारण करता है । भूतकाल ने वर्तमान का निर्धारण किया । उसी प्रकार वर्तमान - हमारे वर्तमान विचार तथा क्रियाएँ - हमारा भविष्य निर्धारित करेंगी । यही व्यक्तित्व विकास को नियंत्रित करने वाला मूलभूत सिद्धांत है ।
हमारे इन समस्त संस्कारों का योग हमारे चरित्र का निर्धारण करता है । भूतकाल ने वर्तमान का निर्धारण किया । उसी प्रकार वर्तमान - हमारे वर्तमान विचार तथा क्रियाएँ - हमारा भविष्य निर्धारित करेंगी । यही व्यक्तित्व विकास को नियंत्रित करने वाला मूलभूत सिद्धांत है ।

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